आपका private email कोई दूसरा भी पढ़ रहा है --
आप रोजाना की जरूर ईमेल एक दूसरे को भेजते होंगे।
इनमें से कई private email अहम और निजी होते होंगे।
लेकिन कि आप जानते हैं कि आपके लिए बेहद जरूरी और प्राइवेट ईमेल कोई तीसरा शख्स भी पढ़ रहा है।
दोस्तों ये बातें आपको बेहद चौंकाने वाली लग रही होंगी।
लेकिन Google ने खुद इस बात कहा है कि जीमेल इस्तेमाल करने वाले लोग जो ईमेल भेजते हैं और उनके पास जो मेल आते हैं उन्हें कई बार कोई तीसरा ऐप डेवलपर भी पढ़ लेता है।
जिन लोगों ने अपने अकाउंट के साथ थर्ड पार्टी एप को जोड रखा है उन्होंने अनजाने में बाहरी डेवलपर्स को अपने निजी मैसेज पढ़ने की आज्ञा दे दी है।
एक कंपनी ने वॉल स्ट्रीट जनरल को बताया कि यह बहुत ही "आम "बात है और लोगों की इस "काले" सच के बारे में कोई जानकारी नहीं।
सुरक्षा मामलों के एक विशेषज्ञ ने इस बात पर हैरान जताई कि गूगल भी इस चीज की अनुमति देता है।
जीमेल दुनिया के सबसे लोकप्रिय ईमेल सेवा है जिसे 1.4
और अब लोग इस्तेमाल करते हैं।
लोग अपने जीमेल अकाउंट से थर्ड पार्टी मैनेजमेंट टूल्स या ट्रैवल प्लानिंग और दाम की तुलना करने वाली सर्विसेज को जोड़ सकते हैं।
जब भी कोई व्यक्ति अपने अकाउंट को किसी बाहरी सर्विस से लिंक करता है,तो उससे कई तरह की अनुमतियां मांगी जाती है। जैसे कई बार ईमेल पढ़ने भेजने डिलीट करने और मैनेज करने की अनुमतियां शामिल होती है।
वॉल स्ट्रीट जर्नल के मुताबिक इस तरह की अनुमति मिलने पर कई बार थर्ड पार्टी एप्स के कर्मचारी यूजर्स के ईमेल पढ़ सकते हैं।
वैसे तो संदेश आम तौर पर कंप्यूटर एल्गोरिदम के जरिए भेजे जाते हैं, लेकिन अखबार ने कई कंपनियों के ऐसे कर्मचारियों से बात की जिन्होंने लोगों के हजारों ईमेल मेसेज पढ़े थे।
एडिशन सॉफ्टवेयर ने अखबार को बताया कि एक नया सॉफ्टवेयर फीचर तैयार करने के लिए उन्होंने यूजर्स के सैकड़ों मेल पड़े थे।
एक और कंपनी-ए डेटा सोर्स इंक ने कहा कि इंजीनियर्स ने उनका एल्गोरिथम बेहतर करने से पहले कई मेल देखे थे।
।कंपनी ने बताया कि उन्होंने यूजर्स के मैसेज पढ़ने से पहले किसी तरह की अनुमति नहीं मांगी थी। क्योंकि जिस की टर्म और कंडीशन में इस बारे में पहले से बताया गया होता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ सूरी के प्रोफेसर एलेन वुडवार्ड ने कहा "टर्म और कंडीशन इतनी ज्यादा होती है कि इसे पढते पढते आपकी जिंदगी के कई हफ्ते गुजर जाएंगे।"
"हो सकता है कि इनकी जानकारी वहां मौजूद हो, लेकिन ये नहीं बताया जाता कि थर्ड पार्टी के लिए काम करने वाला कोई इंसान आपके मैसेज पढ़ सकेगा"
हालांकि गूगल का कहना है कि वह उन्हीं कंपनियों को अपने यूजर्स के मैसेज देखने देता है जिनके बारे में उनसे पहले अच्छे से जांच-पड़ताल की होती है। और यह अनुमति सिर्फ तभी दी जाती है जब यूजर ने उस थर्ड पार्टी को अपने "ई -मेल देखने की इजाजत दी हो"
बीबीसी से बात करते हुए गूगल के अधिकारियों ने बताया कि जीमेल यूजर अपने सिक्योरिटी चेक अप पेज पर जाकर देख सकते हैं कि कौन से ऐप उनके अकाउंट से लिंक है और अगर वो चाहें तो उन एप को हटाकर अपना डाटा शेयर करने से इनकार कर सकते हैं।
धन्यवाद!!
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By--Gupta k articles ( NkG ).
और अब लोग इस्तेमाल करते हैं।
लोग अपने जीमेल अकाउंट से थर्ड पार्टी मैनेजमेंट टूल्स या ट्रैवल प्लानिंग और दाम की तुलना करने वाली सर्विसेज को जोड़ सकते हैं।
जब भी कोई व्यक्ति अपने अकाउंट को किसी बाहरी सर्विस से लिंक करता है,तो उससे कई तरह की अनुमतियां मांगी जाती है। जैसे कई बार ईमेल पढ़ने भेजने डिलीट करने और मैनेज करने की अनुमतियां शामिल होती है।
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वैसे तो संदेश आम तौर पर कंप्यूटर एल्गोरिदम के जरिए भेजे जाते हैं, लेकिन अखबार ने कई कंपनियों के ऐसे कर्मचारियों से बात की जिन्होंने लोगों के हजारों ईमेल मेसेज पढ़े थे।
एडिशन सॉफ्टवेयर ने अखबार को बताया कि एक नया सॉफ्टवेयर फीचर तैयार करने के लिए उन्होंने यूजर्स के सैकड़ों मेल पड़े थे।
एक और कंपनी-ए डेटा सोर्स इंक ने कहा कि इंजीनियर्स ने उनका एल्गोरिथम बेहतर करने से पहले कई मेल देखे थे।
।कंपनी ने बताया कि उन्होंने यूजर्स के मैसेज पढ़ने से पहले किसी तरह की अनुमति नहीं मांगी थी। क्योंकि जिस की टर्म और कंडीशन में इस बारे में पहले से बताया गया होता है।
यूनिवर्सिटी ऑफ सूरी के प्रोफेसर एलेन वुडवार्ड ने कहा "टर्म और कंडीशन इतनी ज्यादा होती है कि इसे पढते पढते आपकी जिंदगी के कई हफ्ते गुजर जाएंगे।"
"हो सकता है कि इनकी जानकारी वहां मौजूद हो, लेकिन ये नहीं बताया जाता कि थर्ड पार्टी के लिए काम करने वाला कोई इंसान आपके मैसेज पढ़ सकेगा"
हालांकि गूगल का कहना है कि वह उन्हीं कंपनियों को अपने यूजर्स के मैसेज देखने देता है जिनके बारे में उनसे पहले अच्छे से जांच-पड़ताल की होती है। और यह अनुमति सिर्फ तभी दी जाती है जब यूजर ने उस थर्ड पार्टी को अपने "ई -मेल देखने की इजाजत दी हो"
बीबीसी से बात करते हुए गूगल के अधिकारियों ने बताया कि जीमेल यूजर अपने सिक्योरिटी चेक अप पेज पर जाकर देख सकते हैं कि कौन से ऐप उनके अकाउंट से लिंक है और अगर वो चाहें तो उन एप को हटाकर अपना डाटा शेयर करने से इनकार कर सकते हैं।
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